क्षेत्र के सरकारी स्कूलों में आपका स्वागत हैं सोशल मीडिया पर अभिभावकों से कर रहे हैं,परिषदीय विद्यालयों के शिक्षक अपील



न्यूज़ खीरी एक्सप्रेस,एस के सिंह





निघासन-खीरी।लॉकडाउन के कारण अधिकांश उच्च,निम्न एवं मध्यमवर्गीय परिवारों की आर्थिक स्थिति जहां चरमरा रही हैं,और आगे भी सुधार की गुंजाइश कम नजर आ रही हैं।जबकि प्रदेश व केंद्र सरकार भी बखुबी लोगों की मदद करते नजर आ रही हैं।वहीं क्षेत्र के अभिभावकों के जहां-जहां बच्चों की निजी स्कूलों की फीस भरने में असमर्थ हैं और वे फीस माफी चाहते हैं।निजी स्कूल वाले मान नहीं रहे हैं।कि सरकार ने निजी स्कूल वालों से कहा भी हैं, कि वे फीस न बढ़ाएं तथा एकमुश्त शुल्क भरने का दबाव अभिभावकों पर न बनाएं।पर यह जरूरी नहीं कि सभी निजी स्कूल वाले सरकार का कहा मानेंगे।या नहीं उनकी भी कुछ अलग मजबूरियां हो सकती हैं।हो सकता हैं,कि वे मान भी ले।या नहीं भी माने।यह तो आने वाला समय बतायेगा।वहीं प्राथमिक विद्यालय डांगा में तैनात प्रधानाध्यापक नवीन कुमार भी कोविड़-19 का पालन करते हुये अपने विद्यालय में ठहर कर जहां गरीब परिवारों की मदद कर रहे हैं,वहीं यहां पर ठहरनें वालों मजदूरों के भी मददगार साबित हो रहे हैं,जिनकी प्रंशसा खण्ड शिक्षाधिकारी दिनेश वर्मा भी कर चुके हैं।इसके अलावा अभिभावकों से सोशल मीडिया मोबाइल मैसेज आदि के द्वारा अनुरोध कर रहे हैं,कि वे सरकारी स्कूलों में अपने बच्चों को प्रवेश दिलाएं।कक्षा एक से लेकर आठवीं कक्षा तक कोई प्रवेश या मासिक फीस नहीं शासन के निर्देशों से नहीं ली जाती हैं,और  उत्तम शिक्षण कार्य भी होता चला आ रहा हैं।और योग्य शिक्षक भी उपलब्ध हैं।सीबीएससी बेस्ट पाठ्यक्रम,अच्छे भवन, पर्याप्त फर्नीचर,निशुल्क यूनिफार्म, पुस्तकें,ताजा फल,दूध,मिड डे मील,स्वेटर,जूता-मौजा आदि सब बच्चों के लिए शासन ने उपलब्ध करवाया हैं।यह सेवाएं आपके घर के निकट ही हैं इसलिए कोई वाहन शुल्क नहीं।एक बार हम पर व हमारे स्कूलों पर विश्वास करके तो देखें।पुरानी पीढ़ी भी इन सरकारी स्कूलों में पढ़ी हैं।क्या वह किसी से कम हैं,01 से 9 वीं कक्षा के बाद मामूली फीस हैं। अभिभावकगण बेवजह सरकार पर दवाब बना रहे हैं कि निजी स्कूलों पर फीस कम करने को कहे।सरकार ने तो उनके सामने सर्वसुविधायुक्त सरकारी स्कूलों में प्रवेश का विकल्प दे रखा हैं।यदि अभिभावक निजी स्कूलों की कार्यप्रणाली से खुश नहीं हैं।तो हमारे शासकीय स्कूलों में उनके बच्चों का स्वागत हैं।हम बड़े -बड़े  विज्ञापन अखबारों आदि में नहीं  दे सकते और अपनी प्रशंसा स्वयं नही करते हैं।सरकारी स्कूलों का नेटवर्क देश के छोटे से छोटे गांव में हैं।पूरी पारदर्शिता हैं।इसलिए हमारे स्कूलों की आलोचना कोई भी कर सकता हैं।अखबार के पन्नों में केवल हमारी बुराई ही छपती हैं,पर आप केवल एक बार सेवा का अवसर दें तो आप हमारी अच्छाइयों से भी परिचित हो जाएंगे।आज भी देश के करोड़ों बच्चे सरकारी स्कूलों के विद्यार्थी हैं,जो निजी स्कूलों से अधिक ही हैं।नए सत्र से हम भी स्मार्ट क्लासें शुरू करने जा रहे हैं जिसकी शुरुआत निदेशालय स्तर पर हो चुकी हैं।वहीं जूनियर स्कूल में नियुक्ति शिक्षक मधुरेश शुक्ला आदि सभी शिक्षक अभिभावकों से अपील कर प्रदेश की सरकार के द्वारा बच्चों के हितों में जो सरकारी स्कूलों में कार्य किये व करवाये जा रहे जैसे शुद्ध पेयजल,बिजली,पंखे,बच्चों के लिए नेलकटर,हाथ धोने के लिए साबुन,मोबाइल एप्प के जरियें बच्चों को पढ़ाई आदि के बारे में भी अभिभावकों को जागरूक कर रहे हैं।










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