एक बिछड़े परिवार का पुनर्मिलन
न्यूज खीरी एक्सप्रेस, विष्णु गोपाल दीक्षित
बेलरायां खीरी।10 वर्ष पूर्व जब ग्राम बौधिया कलां के मजरा कोदीबाबा के अतिनिर्धन एवं अनुसूचित जाति के मजदूर *कामता* ने अपनी 20 वर्षीय पुत्री *जयदेवी* का विवाह किया था तो उसको इस बात का तनिक भी बोध नहीं था कि उसकी फूल से बेटी को ससुराल से इतनी यातनाऐं मिलेंगी जिसके कारण उसको 10 साल के वैवाहिक जीवन के उपरांत अपना घर बार छोड़ कर भागने पर मजबूर होना पड़ेगा।
लगभग *6 माह पूर्व* जयदेवी अचानक अपने ससुराल से गायब हो गई और उसका अभागा पिता एप्लिकेशन ले कर पुलिस,प्रशासन के पास भागते भागते थक हार कर चुप हो कर घर बैठ गया लेकिन कोई भी ऐसा क्षण नहीं गुजरता था जब वो अपनी खोई हुई बेटी को याद न करता हो। ग्रामवासी ये मान चुके थे कि जयदेवी मर चुकी है। कोदी बाबा के सैय्यद फार्म निवासी समाजसेवी एवं प्रतिनिधि सदस्य ज़िला पंचायत *सैय्यद मकसूद अली गुड्डू,* जो कोदी बाबा के हर व्यक्ति कोअपने स्वयं के परिवार का एक हिस्सा मानते हुए लगातार उनकी आवश्यकताओं की पूर्ति करते रहते हैं, ने अपने स्तर से तलाश जारी रखी और इसी क्रम में ये सूचना मिलने पर कि शारदानगर के समीप चकई गांव की नहर पुलिया पर एक विक्षिप्त महिला कई दिन से रह रही है और आने जाने वालों से भीख मांग कर खा पी रही है, के लिए राशन सामग्री ले कर उसकी मदद करने गए तो उन्होने पहचाना कि वह तो कामता भाई की खोई हुई पुत्री जय देवी हैं। उन्होने तुरंत वाहन भेज कर कामता को मौके पर बुलवाया और एक बिछड़े हुए बाप को उसकी खोई हुई बेटी से मिलवा कर एक अभागे शोक संतृप्त परिवार को वो ख़ुशी दी जिसकी आशा सब खो चुके थे। एक बिछड़े हुए बाप का अपनी बेटी से मिलन अत्यंत मार्मिक था । आज जय देवी वापस अपने पिता के पास है और अपने घर का बना खाना खा कर सुखी महसूस कर रही है।इस उत्कृष्ट कार्य हेतु कामता और तमाम ग्रामवासियों में प्रसन्नता की लहर है।मकसूद अली गुड्डू ने इस प्रकरण में दोषी ससुराल वालों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करा कर उनका अभियोजन सुनिश्चित कर सज़ा दिलवाने का आश्वासन दिया।मकसूद अली गुड्डू के इस जनहित के कार्य पर उनको सैक्यूट। ईश्वार गुड्डू भाई को और सशक्त करे जिससे वे सैकड़ों,हज़ारों, लाखों, करोङो लोगों के काम आ पाएं।




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